Tuesday, 10 December 2013

अराजकता आतंकबाद भ्रस्टाचार तथा लीगई सपथ के साथ बेईमानी कर मुख्य मंत्रियो ने चुनाव जीते अब लोकसभा को जीतने के लिए भी एक हिंदुस्तान को कमजोर करने तथा दूसरे राज्य़ों के नागरिको का दमन कर चुनाव जीतने का पूरा प्रयाश करेगे आज़ादी के लिए लड़ने बालो ने भारत के विकास सम्मान तथा मालिक के अधिकार दिलाने का प्रयास तो किया लेकिन 1947 के बाद भारत में व्यापत विधायिका कार्यपालिका न्यायपालिका  धर्म तथा सीमा पार का आतंक बाद आज तक कोई नहीं तोड़ पाया ! विधायिका कार्यपालिका न्यायपालिका में बैठा हुआ हर व्यक्ति वेतन भोगी कर्मचारी है जिसे हम लोकसेवक या शासकीय सेवक के रूप में जानते है लेकिन कोई भी व्यक्ति अपनी जबाब देहि लेने को तैयार नहीं !भारत के नव जवान जबतक अपनी जबाबदेही नहीं लेगे तब तक भारत कभी भी शसक्त शक्तिशाली संपन्न रास्ट्र नहीं बन सकता किसी भी राजनैतिक पार्टी के पास ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो ब्रिटिश गॉवर्मेन्ट के चक्र व्यूह को तोड़ सके !