भगवान परशुराम जयंती पर बाम्हनो को अपनी सपथ पूरी करने की चुनौती
ब्राम्हण पुत्रो का ब्रतबन्ध करा कर समाज एवं राष्ट्र को बंधन मुक्त करने की सपथ दिलाई जाती है ! पूरा भारत ब्रिटिश सरकार की चक्र व्यूह में फसा है भारत की केन्द्र एवं राज्य सरकारे बैक गेयर में गाड़ी चलाकर सुनहरे भविस्सया का सपना दिखा रही है !भारत के नागरिको को जाती गत बिबाद में बांटने के लिए सामान्य ,पिछड़ा,हरिजन,आदिबासी के रूप में बिभाजित कर पिछड़ा,हरिजन,आदिबासी को कमजोर बीमार लाचार मानते हुए बिधि द्वारा संरक्छण एवं उसे पक्का करने के लिए आरक्ष्ण दिया गया है !
आज तक एक भी जाती आरक्ष्ण से मुक्त नहीं हो प्राप्त बीमारी बढाती जा रही है देश योग्यता की बजाय जाती के आधार पर संचालित होने लगा जिस कारन देश में बेरोजगारो की संख्या बढ़ने लगी और प्रतिभा का पलायन होने लगा !देश कर्ज दार एवं रुपये का मूल्य गिरता जा रहा है भारत बिदेसी सहायता के लिए अपना कटोरा ले कर घूम रहा है भारत में स्वामित्व की रक्षा के बजाय कबजा की सुरक्षा के कानून होने से पुरे देश में अराजकता आतंक बाद फ़ैल रहा है इसी कारण चीन जैसे पडोसी देश हमारी जमीन पर कब्ज़ा किये बैठे है !
भारत के ब्राम्हण पुत्रो को मै चुनौती देता हु की ऐसा कोई नव जवान जिसका ब्रतबन्ध हुआ हो और उसने सपथ उठाई हो देश के कमजोर बीमार संरक्ण पिछड़ा,हरिजन,आदिबासियो को बीमारी से मुकत करा कर जात की बजाय योग्यता के आधार पर संचालित करा सके जिस देश के 60 प्रतिसत लोग बीमार हो उनसे भारत को सशक्त ,सशक्ति साली ,सम्पन राष्ट्र बनाने के लिए कैसे आशा की जा सकती है !