Thursday, 28 May 2015

हिन्द क्रांति यात्रा भारत में सर्वोच्य सत्ता की मालिक जनता है। अज्ञानता . आलस. एवं उसके पास प्रशासनिक पावर न होने के कारण उसके द्वारा चुनेगए जनप्रतिनिधियो एवं जनप्रतिनिधियो द्वारा नियुक्त किएगए लोकसेवक एवं शासकीय सेवक उसके नियंत्रण से बहार जाकर उसके ऊपर  हॉबी  होकर उसके साथ गुलामो जैसा व्यबहार करते है। अपनी सेवाओ के बदले अपने श्रम का पारश्रमिक (वेतन. भत्ते. सुबिधा. सुरक्षा  के रूप में ) ले कर पद की शपथ उठाते है शर्वोच्य पद पर बैठे हुए लोग जैसे (राष्ट्र्पति,प्रधानमंत्री,एवं शर्वोच्या न्यायलय के न्यायाधीश )परन्तु अपने कयो की जबाबदेही लेने को तैयार नहीं इसी लिए कोई दंड निर्धारित नहीं है ,भारतीय नवजवानों में इतनी हिम्मत योग्यता. या इक्छा शक्ति नहीं है की वे जनप्रतिनिधियों एवं उनके द्वारा चुने गए लोकसेवक एवं शासकीय सेवको को अपनी शपथ पूरी करने को बाध्य कर सके। जिस देश समाज या घर का मालिक कमजोर होता है बहा कर्मचारी अनियंत्रित हो कर हांबी रहते है,अतः इस देश की सभी समस्याओ का मूल जड़ भारतीय नवजवानों का स्वयं जबाबदेह न होना है। अपनी जवाब देहि तथा देश की पूरी व्यबस्था बदलने का प्रयाश करने बालो की मुझे तलाश है कोई भी व्यक्ति अपना सुझाब सहयोग या आलोचना मुझे भेज कर सहयोगी बन सकता है। 

Wednesday, 13 May 2015

कमजोर प्रधान मंत्री भारत की सबसे बड़ी समस्या 
आज़ादी के  बाद कितने लोगो ने सपथ उठाई थी ,  की मै बिना भय पक्छपात अनुराग या दोष के बिना सब के साथ सामान रूप से न्याय करुगा !परन्तु आज तक इस सपथ को कोई नहीं निभा सका ! पहले लोग आयोग बनाकर अपना 5 बर्ष का समय उसकी रिपोर्ट आने की प्रतिछा में बिता देते थे ! वर्त्तमान प्रधान मंत्री बिदेशो से क़र्ज़ लेकर अपना 5 बर्ष का कार्य काल पूरा करना चाहते है ! इससे बेहतर होता की हम अपने देश के नव जवानो को अंगे बढ़ने का मौका देते उनकी प्रतिभा एवं योग्यता को संरक्छण तथा उनको साधन उपलबध कराते तो उनका पलायन रुकता  एवं दुनिया  के सामने हमें भीख मागने की जरुरत ही नहीं पड़ती   ! ये बात भारत के राष्ट्र भक्त नेताओ को कब समझ आएगी !