Monday, 5 May 2014


भारत के नागरिकों से अपील है कि क्या  66 वर्ष पूर्व की व्यबस्था से आप संतुस्ट है जिसमे स्वामित्व कि रक्छा के बजाय कव्जे  के सुरक्छा के लिये भारतीय संसद कानून बनातीं रहीं तथा पीडित व्यक्त्तियो को अदालतों मे जांने  से रोकने के लिये न्याय शुल्क लगा  कर न्याय का  व्यापार करती  रही ईसी प्रकार न्यायपालिका के अधिकारों मे कटोती कर कार्य पालिका को देती रहीं  जिसके कारन आपराध करनें  बालें ही  न्याय करने  बाले हि मालीक  बनबैठे भारत मे ऎसे दौहरे कनून चल रहें  हैं जिसके  कारन कुछ व्यक्त्तियो को भ्रस्टाचार एवं गैर क़ानूनी कार्य करने क़ा  कानुनी आधिकार मिल् जाता  है  तथा पूरी देश  की  व्याबस्था जाति  धर्म संप्रदाय के आधार पर संचालित है
भारतीय संसद के मौजूदा हुए चुनाव में 65  से 70 प्रतिशत व्यक्तियों ने हिस्से लिया अर्थात 30 से 35 प्रतिशत व्यक्तियोंको यह व्यबस्था स्वीकार नहीं है. 35 से 40 प्रतिशत मत पा कर कोई राजनैतिक पार्टी अपनी सरकार बना लेगी और जिस दिन सरकार बनेगी भारत की 60 से 65 प्रतिशत व्यक्ति उसकी नीतियों के खिलाफ होगे
हमें 540 व्यक्तियोंकी जरुरत है जो इस व्यबस्था परिवर्तन मे अपने आप को सहयोगी बनासके एवं व्यबस्था का  दोश एवँ उसको हल करने क़ा  ऊपाय खोजने में मदद गार हों
याद रखिये भारतीय संसद में आगे  बैठने बाला  हर जन प्रतिनिधि अपनी सेवाओं के बदले पारश्रमिक प्राप्त करने बाला 5 वर्षो के लिए एक बेतन भोगी लोक होंगा
संपर्क करे 09425173019
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 क्रम....... 

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