अंग्रेजो की बनाई पूरी ब्यवस्था को बदलने के लिए देश के नव जवानों का खुला आह्वान भारत के नव जवानों दया, कृपा, मर्ज़ी ,प्रलाप की भाषा का परित्याग कर भारत को आज़ाद कराने के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने बालो की भावना का सम्मान करने की अब तो आदत डालो एवं मालिको की भाति जीने की आदत आप को कब तक आएगी आप कब ये समझो गे की बिधाइका ,कार्य पालिका ,न्यायपालिका में बैठा हुआ व्यक्ति आप का शासकीय सेवक या लोक सेवक है ! एक सेवक की तरह उसकी जबाब देहि तै होनी चाहिए यह बात देश के नव जवानों को कब समझ आएगी ................?
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