भारत में निर्णय के बजाय न्याय के सिद्धांत पर न्यायपालिका के संचालन के लिए न्यायपालिका की तलाश जरुरी हैं हम किसे न्यायपालिका माने .?
१- क्या सर्वोच्य न्यायालय ऑफ इंडिया न्यायपालिका है .?
२-क्या राज्यों के उच्य न्यायालय न्यायपालिका है। ?
३- क्या जिला एवं सत्र न्यायालय न्यायपालिका है। ?
४- क्या व्यबहार एवं दाण्डिक न्यायालय न्यायपालिका है। ?
५- क्या भारतीय संबिधान में किसी न्यायाधीश या न्यायमूर्ति को न्याय करने की सपथ दिलाने का प्राबधान है। ?
६- भारतीय सर्वोच्य न्यायालय से सीधा सवाल , सर्वोच्य न्यायालय का मत है की बिधि की अज्ञानता छम्य नहीं है ! तो क्या न्यायाधीशों ,वकीलों ,न्याय प्रक्रिया में लगे अन्य न्यायाधीशों ,जाँच एजेंसियों में कार्यरत लोगो को इस विचार धरा से मुक्त रक्खा गया है। ?
७- भारतीय संसद से सीधा सवाल भारत सरकार द्वारा 1870 कोर्ट फीस एक्ट के तहत न्याय का व्यापार चलाया जा रहा है!इसी लिए देश की अदालते भारत सरकार की क्या व्यापारिक केन्द्र नहीं है। ? क्या इनका कार्य सरकार के लिए धन कमाना मात्र नहीं है। ?
८- न्याय की कभी अपील नहीं होती जिसकी अपील हो बह अन्याय है ! अन्याय करने बाला न्यायाधीश कैसे। ? तारीख पर तारीख , अपील पर अपील क्या लोगो के लिए अन्याय सहना न्याय मागने से सस्ता नहीं है। ?
भारतीय नवजवानों पीड़ित व्यक्तियों हिम्मत दिखाओ और देश की अदालतों में लंबित 4 करोड़ से ऊपर मुकदमे तथा 40 करोड़ जीवन से निराश लोगो को एक बर्ष में जीवन दान के लिए तन,मन,धन,तथा ज्ञान का दान कर व्यबस्था परिवर्तन में सहयोगी बने ! पीड़ित व्यकतियो से निवेदन है की आप के पास दो रस्ते है संघर्ष या सरेंडर रास्ता आप को चुनना है संघर्ष के मार्ग में हम आप के सहयोगी है !कमलेश त्रिपाठी प्रेसिडेंट हिन्द क्रांति पार्टी ,संपर्क करे 09425173019 ,hindkrantiparty @gmail.com
१- क्या सर्वोच्य न्यायालय ऑफ इंडिया न्यायपालिका है .?
२-क्या राज्यों के उच्य न्यायालय न्यायपालिका है। ?
३- क्या जिला एवं सत्र न्यायालय न्यायपालिका है। ?
४- क्या व्यबहार एवं दाण्डिक न्यायालय न्यायपालिका है। ?
५- क्या भारतीय संबिधान में किसी न्यायाधीश या न्यायमूर्ति को न्याय करने की सपथ दिलाने का प्राबधान है। ?
६- भारतीय सर्वोच्य न्यायालय से सीधा सवाल , सर्वोच्य न्यायालय का मत है की बिधि की अज्ञानता छम्य नहीं है ! तो क्या न्यायाधीशों ,वकीलों ,न्याय प्रक्रिया में लगे अन्य न्यायाधीशों ,जाँच एजेंसियों में कार्यरत लोगो को इस विचार धरा से मुक्त रक्खा गया है। ?
७- भारतीय संसद से सीधा सवाल भारत सरकार द्वारा 1870 कोर्ट फीस एक्ट के तहत न्याय का व्यापार चलाया जा रहा है!इसी लिए देश की अदालते भारत सरकार की क्या व्यापारिक केन्द्र नहीं है। ? क्या इनका कार्य सरकार के लिए धन कमाना मात्र नहीं है। ?
८- न्याय की कभी अपील नहीं होती जिसकी अपील हो बह अन्याय है ! अन्याय करने बाला न्यायाधीश कैसे। ? तारीख पर तारीख , अपील पर अपील क्या लोगो के लिए अन्याय सहना न्याय मागने से सस्ता नहीं है। ?
भारतीय नवजवानों पीड़ित व्यक्तियों हिम्मत दिखाओ और देश की अदालतों में लंबित 4 करोड़ से ऊपर मुकदमे तथा 40 करोड़ जीवन से निराश लोगो को एक बर्ष में जीवन दान के लिए तन,मन,धन,तथा ज्ञान का दान कर व्यबस्था परिवर्तन में सहयोगी बने ! पीड़ित व्यकतियो से निवेदन है की आप के पास दो रस्ते है संघर्ष या सरेंडर रास्ता आप को चुनना है संघर्ष के मार्ग में हम आप के सहयोगी है !कमलेश त्रिपाठी प्रेसिडेंट हिन्द क्रांति पार्टी ,संपर्क करे 09425173019 ,hindkrantiparty @gmail.com
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