Thursday, 27 December 2012

भारत की समस्याओ के निदान के तीन रास्ते
{1} भारत के नव जवान देश की सम्पूर्ण व्यबस्था परिवर्तन के लिए क्रान्ति करे और असछम अयोग्य व्यकितियो को हटा कर अपनी योग्यता प्रमाणित कर स्वयं शासन एवं प्रशन में काबिज हो
{2} अंग्रेजो द्वारा बनाये गए सभी विधि नियम एवं कानून समिक्च्छा कर बदलने के लिए जनता दो तिहाई बहुमत की सरकार  चुने
{3} देश में कोई शक्ति शाली शासक आपात काल लगा कर देश की पूरी व्यबस्था को बदलने के लिए आपरेसन थियेटर  में लेजा कर नए कानूनों का जरुरत के अनुसार निर्माण कर पुनः आपात काल हटा दे !
जिससे आगे से जाति  धर्म संप्रदाय  की बजाय योग्यता के आधार पर व्यबस्था   का संचालन जबाब देहि के आधार पर होने लगे !          

Tuesday, 25 December 2012

भारतीय प्रजा तन्त्र की सुरक्छा के लिए भारतीय नेता भारतीय कानून भारतीय न्यालय को भरोसा बनाये रखना जरुरी है
भारतीय नवजवानों का नई दिल्ली में आन्दोलन व्यवस्था परिवर्तन के लिए अच्छी सुरुआत है 

Wednesday, 12 December 2012

देश से एक सवाल प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और रामचरित मानस के विभीषण में क्या फर्क है 

Saturday, 8 December 2012





                                 भारतीय संसद {लोकसभा ,राज्यसभा }का आभार एवं धन्यबाद
                                  अपने प्राणों की बलि देकर जिस भारत भूमि से बिदेशी नागरिको
                                  को हटाया गया उन्ही बिदेशी नागरिको की बेरोजगारी को खत्म
                                    करने के लिए हमारी संसद ने पहले देश में मालिक बन कर चला रहे
                                 लघु उद्योगों को समाप्त किया समाज बाद के नाम पर भारत के नव जवानों
                                   को  उद्योग लगाने में बाधा कड़ी की और अब बेदेशी पूजी ला कर देश के
                                 नव जवानों को नौकर बनाने की साजिश कर के बिदेशी रास्ट्रो के प्रति जो बफा दारी
                         निभाई जा रही है उसके लिए आप सब लोग बधाई के पात्र है कभी फुर्सत मिले तो
                            अपने आप से जरा ये पूछियेगा की अपने प्राणों की बलि दे कर जो लोग भारत को
                               आज़ाद कराने के लिए लडे थे क्या आप लोगो के इस कृत्य से उनको शांति मिलेगी ..?

Friday, 7 December 2012

भारत के नव जवानों से सिर्फ एक सवाल,भारत का बाज़ार विदेशी नागरिको के लिए खोलने से मालिक कितने और नौकर कितने बनेगे ....?

Thursday, 22 November 2012


अखिल भारतीय हिंद क्रांति पार्टी द्वारा अंग्रेजो द्वारा बनाये गए 1947 के पूर्व बनाये गए सभी कानूनो की समीछा का कार्य नवम्बर .2012 से देश हित में सुरु करने जा रही है ! पार्टी मानती है की बिधि के जानकारों को ही विधायीका में प्रवेश करना चाहिए,
नई दिल्ली में राष्ट्रीय परिसद एवं सभी प्रदेसो की राजधानियों में प्रदेश परिसद एवं सभी जिलो में जिला परिसदो का गठन किया जाना है !

राष्ट्रीय परिसद में सांसदों की संख्या के बराबर सदस्य लिए जाने है एवं सभी प्रदेश परिसदो में उस राज्य में विधायको की संख्या के बराबर सदस्य लिए जाने है !

यदि आप अपने को योग्य ईमान दार ,विधिके जान कर मानते एवं स्वंय पर विस्वाश करते है एवं देश की व्यबस्था से पीड़ित है और उसे बदलना चाहते है तो हम आप का स्वागत करते है !

Saturday, 17 November 2012

देश की राजनिति में दमदार किरदार निभाने बाले बाला साहब ठाकरे की रिक्तता कभी पूरी नहीं होगी 

Monday, 12 November 2012

15अगस्त 1947 के पूर्व अंग्रेजो के सासन काल में विधायिका ,कार्यपालिका ,न्यायपालिका ,धर्म एवं सीमा पार के आतंक बाद से भारत की जनता ग्रसित थी जो आज भी  है

Sunday, 11 November 2012

angrejo ki puri vyabastha ko badalne ke liye desh nai kranti ke liye tayaar rahe

Monday, 5 November 2012

भारत में बिधायिका का बिधि से, कार्य पालिका का कार्य से. न्याय पालिका का  न्याय से,धर्म का कल्यान से.सीमा पार से विकाश का कोई संबंध नहीं 

Wednesday, 17 October 2012

देश क्रांति चाहता है,क्रांति बम पिस्तौल व तोपों का धर्म नहीं बल्कि क्रांति का मतलब किसी व्यबस्था में अचानक परिबर्तन से है
१५ अगस्त १९४७ को ट्रांसफर ऑफ़ पॉवर एंड प्रापर्टी था इस देश के नव जवानों को अपनी देश निति स्वयं निर्धारण करना चाहिए. जो अभी तक नहीं की गयी

Friday, 28 September 2012

भारत में अन्याय सहना न्याय मागने से सस्ता है
भारत की व्यबस्था जाति,धर्म,संप्रदाय,पर आधारित है !योग्यता का कोई आधार नहीं 
भारत में न्याय पालिका के अधिकार छीन कर कार्यपालिका को देने से -अपराधी ही न्यायाधीश  बनते जारहे  है 
भारत के सर्वोच्चय न्यायालय को प्रशासकीय अधिकार एवं उच्य न्यायालयो को न्यायिक अधिकार दिया जाना जरुरी है 

Thursday, 27 September 2012

भारत की न्याय व्यबस्था में व्यापक परिवर्तन का अन्दोलन- भारतीय संबिधान के अनुछेद 141,144,145
                                                                                                                                                                
 देश की अदालतों में 4 करोड़ से भी अधिक मुक़दमे लम्वित है एवं 40 करोड़ से अधिक लोगो का जीवन बर्बाद होरहा है,यदि  देश के नव जवान थोड़ा हिम्मत ,साहस  ,मेहनत करे तो 3 वर्सो में न्याय की प्रक्रिया में सुधार कर 40 से 50 वर्सो तक लगने बाले समय को कम कर दायरा अदालतों में निर्णय का समय 3 से 6 माह तथा अपीली अदालतो में निर्णय का समय 60 दिन तथा उच्य न्यालय एवं सर्वोच्य में लगने बाला समय 90 दिन किया जा सकता है !
इसके लिए भारत के न्यायाधिसो तथा अदालतों में काम करने बाले अन्य कर्मचारियो तथा बकिलो को पर्याप्त साधन ,सुबिधा ,सुरक्छा ,जबाबदेही ,की व्यबस्था करना पडेगा !
क्या आप भी निर्णय की पूरी प्रक्रिया में बदलाव चाहते है या आप या आप का परिवार इस व्यबस्था से पीड़ित है और आप भी बदलाब चाहते है तो हम आप का स्वागत करते है .......................क्रमशः 

Wednesday, 26 September 2012

                                 भारत एक और क्रांति के लिए तैयार
                                                                                                                   

बिधि के जानकार विधायिका में प्रवेश न करने से कार्य पालिका उसपर हाबी होगई है ,न्यापालिका उस हास्पिटल की तरह है जिसमे मरिजोके लिए बेडो की संख्या सीमित होती है लेकिन अगर पूरा सहर ही बीमार होजये तो बह बेबश और लाचार होजाते है इसका अंतिम परिणाम महामारी  एवं नई ब्यबस्था के रूप में उभर कर आता है दुःख ये है की 121 करोड़ जनता को मात्र सैकड़ो लोग ही लूट रहे है -इस  पर विचार करे ...?

Tuesday, 25 September 2012

भारत को गुलाम बनाने की बिदेशी रास्ट्रो द्वारा कोशिश की जारही है आप के सामने दो विकल्प है गुलामी या क्रांति
भारत सरकार देश के नव जवानों को नौकर बनाने के लिए तथा बिदेसी नागरिको को मालिक बनाने के लिए अपनी नीति  बना कर बिदेसी रास्ट्रो कोई खुश कर रही है
भारत के करोडो नवजवानों बच्चा पैदा करने सडको में आन्दोलन करने नारे लगाने घेराव करने के अवाला भी आप अन्य कराय करे
यदि आप मालिक की तरह अपने आप को ईमानदार बुद्धिमान एवं सहिसी बनकर मुकाबला करे तो बेहतर होगा 

Monday, 24 September 2012

हिंद्क्रान्ति पार्टी का देश के नेताओ को सपथ याद दिलाओ अभियान सुरु
प्रधान मंत्री एवं उसके सहयोगी मंत्री तथा मुख्य मंत्री लोक सेवक है उनका फूल  मालाओ से स्वागत करना गलत  है
प्रधान मंत्री एवं उसके सहयोगी मंत्री तथा मुख्य मंत्री लोक सेवक है इनको राजनैतिक पार्टी  मीटिंगों में जाने से रोका जाना चाहिए !
भारत के नवजवानों आप मालिक बनने की आदत डालो और याद रक्खो जिन्हें आप जनप्रतिनिधि के रूप में चुन ते है वे आप के द्वारा चुनेगाये लोक सेवक कहलाते है और अपने श्रम के बदले बेतन भत्ते एवं अन्य सुबिधाये प्राप्त करते है और वो तभी तक आप के कर्मचारी है जबतक आप उनको उनके कार्य का बेतन देते है !
उन्हों ने सपथ ली है.........

  मालिक होने की हैसियत से प्रधान मंत्री एवं उसके सभी सहयोगी मंत्री आप के कर्म चारी है और ईमानदारी से काम तभी तक करेगे जब तक आप उनका फूल मालाओ से स्वागत नहीं करेगे यदि आप भ्रष्ट्रा चार समाप्त करना चाहते है तो अपने आप को मालिक की तरह आचरण करना पडेगा तभी आप के कर्मचारी भ्रष्ट्र नहीं होगे ये काम 121 करोड़ लोगोको करना चाहिए !

Saturday, 22 September 2012

                                           भारत के हिन्दू एवं हिन्दु संगठनो  से मेरा सीधा सवाल 
                                                                                                                                                                                           
{1} भारत के हिन्दू एवं हिन्दू संगठन क्या यह बता सकते है की आप की धरती आप की संस्कृति पर यक्छ ,नाग,किन्नर,यवण,हुड,मुग़ल,एवं अंग्रेजो द्वारा हमला कर गुलाम बनाने का कारन क्या था ..?
{2} भारत के ऊपर आज भी कई बिदेसी जातिया एवं धर्म के लोग बार बार हमले क्यू करते है ..?
{3} भारत के लोग जिन राजनैतिक पार्टियों को हिन्दुओ का शुभचिन्तक मान कर जनप्रतिनिधि के रूप में संसद एवं राज्य बिधान सभाओ में चुन कर भेजते है क्या वे सासन में जाने के बाद   हिन्दुओ के विकाश उन्नति एवं  हितो की सुरक्छा के लिए पर्याप्त साधन सुबिधा एवं  सुरक्छा प्रदान करते है क्या उन राज्यों में हिन्दू पूर्णतया सुरक्छित रहता है ..?
{4} कही हिन्दू अपनी बर्बादी ,गुलामी ,तबाही,अपमान के लिए स्वय तो दोषी नहीं है ..?
{5}  हिन्दू होनेके नाते यदि आप हिन्दुओ की समस्यों का हल नहीं -तो आप स्वयं एक समस्या है -?

Wednesday, 19 September 2012

 dusro ko veimaan brast avam desh ke prati imaandaar naa hone ki baat kahne ki bajay khud ko imaan daar avam desh bhakt savit karo aur angrejo ki banai puri vyabastha ko badalne ke liye bhartiya sansad me panhucho aur yah mahsus karo ki aap bhi ek sammapan rastar ke nagarik ho ,
desh ke nav jawano angrejo kee banai hui puri vibasthaa ko badALNE KE LIYE JANPRATINIDHI BAN KAR SANSAD ME PAHUCO AUR YE SABIT KARO KEE DUSRO SE BEHATAR HO meraa man naa hai ki bidhi ke jankaar hi bidhikaa me prabesh karnaa chahiye.....jai hind

Tuesday, 18 September 2012

भारत के नव जवानों प्रलाप नहीं  प्रयाश का रास्ता चुनो
दुशारो को बेईमान भ्रष्ट  कहने की बजाय भारतीय संसद एवं राज्य बिधान सभाओ में खुद प्रबेश कर खुद को इमानदार सवित करना चाहिए
भारत के प्रधान मंत्री,राज्यों के मुख्यमंत्री  तथा उनके सहयोगी मंत्री ,संसद एवं बिधायक सभी लोक सेवक है
फिर उनका पुष्प माला से स्वागत क्यू .?
पहले जनता नेताओ को लूटती है फिर नेता जनता को लूटते है, यह तो परस पर व्यहार है 

Sunday, 16 September 2012

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अखिल भारतीय हिंद क्रांति पार्टी द्वारा अंग्रेजो  द्वारा बनाये गए 1947 के पूर्व बनाये गए सभी कानूनो  की समीछा का कार्य नवम्बर .2012 से देश हित में सुरु करने जा रही है ! पार्टी मानती है की बिधि के जानकारों को ही विधायीका में प्रवेश करना चाहिए, नई दिल्ली में राष्ट्रीय परिसद एवं सभी प्रदेसो की राजधानियों में प्रदेश  परिसद एवं सभी जिलो में जिला परिसदो  का गठन किया जाना है !
राष्ट्रीय परिसद में सांसदों की संख्या के बराबर सदस्य लिए जाने है एवं सभी प्रदेश परिसदो में उस राज्य में विधायको की संख्या के बराबर सदस्य लिए जाने है !
 यदि आप अपने को योग्य ईमान दार ,विधिके जान कर मानते एवं स्वंय पर विस्वाश करते है एवं  देश की व्यबस्था से पीड़ित है और उसे बदलना चाहते है तो हम आप का स्वागत करते है !

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केन्द्र सरकार भारत के नव जवानों को गुलाम एवं नौकर बनाने के लिए f.d.i.ला रही है!
केन्द्र सरकार लोगो को मालिक बनाने की योजना क्यू लागू नहीं करना चाहती !
भारत के प्रथम नागरिक प्रसीडेंट को अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने के लिए पोस्ट कार्ड भेजे!
हिंद क्रांति पार्टी द्वारा अंग्रेजो की बनाई  पूरी व्यबस्था बदलने का कार्य सुरु!

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Saturday, 15 September 2012

हिंद क्रान्ति पार्टी का सपथ याद दिलाओ अभियान शुरु
बिधायका,कार्यपालिका,तथा न्यायपालिका में बैठे लोग
सम्बिधान  द्वारा निर्धारित सपथ ले कर पद एवं  अपने
श्रम के बदले पारश्रमिक तो प्राप्त करते है पर अपना कर्त्तव्य
भूल जाते है देश के नागरिको से मेरा निवेदन है की एक एक पोस्ट कार्ड आप भी

भारत के प्रथम नागरिक महामहिम, एव  सभी राज्यों के राज्यपाल 15/9/12 से आगे  एवं  प्रधान मंत्री,मुख्य मंत्री तथा सभी मंत्रियो को 20/9/12 से आंगे और सर्वोच्य न्यालय,सभी राज्यों के न्यायाधीशो,25/9/12 से भेजकर देश की व्यबस्था परिवर्तन में अपना योगदान दे 

Friday, 14 September 2012

तेल की कीमतों में खपत पर अंकुश लगा कर घटा कम किया जा सकता है
पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ाबा देकर तेल की खपत कम कीजा सकती है
देश में तेल उत्पादन को बढ़ाबा देकर बिदेसी मुद्रा बचाई जा सकती है
रुपय्रे का मूल्य बढ़ा कर तेल का घाटा कम किया जा सकता है

Thursday, 13 September 2012

भारत की जनता चारो तरफ से निराश होकर कृषण रूपी क्रांति करियो को पुकार रही है
महाभारत के पांडव रूपी जनप्रतिनिधि अपना ईमान ,धर्म एवं कर्तव्य व्यकितिगत स्वार्थ के लिए बेच कर सर झुकाए कायरो की तरह जनता का चीर हरण देख रहे है
एक बार फिर भारत में व्यबस्था परिवर्तन के लिए क्रांति महाभारत की तरह खडी है ! भारतीय संसद एवं राज्य विधान सभाए अन्धो की तरह मूक दर्शक  का रोल अदा कर रही है
कार्यपालिका संघो एवं समूहों में विभाजित कौरवो की भाति उन्हें अपने समूहों में घमंड है जब चाहे सेवा का बहिस्कार एवं ताला बंदी करते रहते है

Monday, 10 September 2012

भारत की जनता निराश हो कर क्रांति कारियों  को पुकार रही है  
                                               
भारत में जिस दिन 30% न्यायधीस भी अपने स्वार्थ के लिए मर्यादा छोड़ देगे उसी समय जिसकी लाठी उसकी भैष का सिधांत लागु होजायेगा 

Sunday, 9 September 2012

देश के नवजवान जागो,भारतीय  नवजवानों कब तक अपमान, अत्याचार सहकर अपनी सस्कृति. सभ्यता को बिदेसियो के हाथ लुटाते रहो गे,भारत में पहले ही यक्छ, नाग,किन्नर,यवन,हुड,मुग़ल,अंग्रेज  आप की संस्कृति, शभ्यता  से खेलते रहे है, भारत के   नवजवानों आखीर अब तो दया, कृपा , मर्जी की भाषा बोलना बंद करो भारत के   नवजवानों महसूश करो की आप भी अन्य देशो के  नागरिको की तरह एक इन्सान  हो और आप को भी मालिक की तरह जीने का हक है !

Saturday, 8 September 2012

भारत के नौजवानों को दया, कृपा , मर्जी की भाषा को त्याग कर संपूर्ण भारत की व्यस्था परिवर्तन के लिए क्रांति का रास्ता चुनना चाहिए

हमारी अदालतें १८७० कोर्ट फीस एक्ट के आधार पर सर्कार के धन कमाने का साधन मात्र हैं

हमारी सरकारें नागरिकों के संपत्ति की स्वत्व की रक्षा की बजाय कब्जा की रक्षा कर रहीं हैं
ये मेरा पहला ब्लॉग है !


व्यस्था परिवर्तन मिशन - समस्या  के साथ समाधान खोजो राष्ट्रीय अभियान 




1- भारत में कब्ज़ा के सुरक्षा के लिए बने सभी कानूनों को समाप्त कर स्वत्व की रक्षा के क़ानून बनाना !
2- जाति, धर्म , संप्रदाय के आधार पर संचालित व्यस्था को भंग कर योग्यता के आधार पर संचालित करना !
3- निर्णय के आधार पर संचालित न्यायपालिका को भंग कर न्याय के सिद्धांत पर संचालित करना ?
4- कार्यपालिका  के न्यायिक अधिकार समाप्त कर न्यायपालिका को वापस कराना !
5- विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका में कार्यरत सभी लोकसेवकों एवं शाशकीय  सेवकों की  अपने कार्य के प्रति जवाबदेही तय कराना !