Saturday, 8 September 2012

भारत के नौजवानों को दया, कृपा , मर्जी की भाषा को त्याग कर संपूर्ण भारत की व्यस्था परिवर्तन के लिए क्रांति का रास्ता चुनना चाहिए

हमारी अदालतें १८७० कोर्ट फीस एक्ट के आधार पर सर्कार के धन कमाने का साधन मात्र हैं

हमारी सरकारें नागरिकों के संपत्ति की स्वत्व की रक्षा की बजाय कब्जा की रक्षा कर रहीं हैं

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