Sunday, 9 September 2012

देश के नवजवान जागो,भारतीय  नवजवानों कब तक अपमान, अत्याचार सहकर अपनी सस्कृति. सभ्यता को बिदेसियो के हाथ लुटाते रहो गे,भारत में पहले ही यक्छ, नाग,किन्नर,यवन,हुड,मुग़ल,अंग्रेज  आप की संस्कृति, शभ्यता  से खेलते रहे है, भारत के   नवजवानों आखीर अब तो दया, कृपा , मर्जी की भाषा बोलना बंद करो भारत के   नवजवानों महसूश करो की आप भी अन्य देशो के  नागरिको की तरह एक इन्सान  हो और आप को भी मालिक की तरह जीने का हक है !

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